तीरगी को रोशनी का आसरा मिला तू दिल मिला बेवजह | हिंदी कविता

"तीरगी को रोशनी का आसरा मिला तू दिल मिला बेवजह आंख ना मिला जिसको आब समझके निकला था मैं पास पहुंचते सूखा पड़ा सहरा मिला इमरोज़ खड़ा हुआ आईने के सामने एक शख्स मुझे सहमा हुआ मिला एक ओर दवा, दूसरी ओर शराब थी मैं खुद को दूसरी तरफ़ जाता मिला"

 तीरगी को  रोशनी का  आसरा मिला 
तू दिल मिला बेवजह आंख ना मिला

जिसको आब समझके निकला था मैं
पास पहुंचते  सूखा पड़ा सहरा मिला

इमरोज़ खड़ा हुआ आईने के सामने
एक शख्स  मुझे  सहमा हुआ मिला

एक ओर दवा, दूसरी ओर शराब थी
मैं खुद को  दूसरी तरफ़ जाता मिला

तीरगी को रोशनी का आसरा मिला तू दिल मिला बेवजह आंख ना मिला जिसको आब समझके निकला था मैं पास पहुंचते सूखा पड़ा सहरा मिला इमरोज़ खड़ा हुआ आईने के सामने एक शख्स मुझे सहमा हुआ मिला एक ओर दवा, दूसरी ओर शराब थी मैं खुद को दूसरी तरफ़ जाता मिला

#nojotopoetry #nojoto

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