पैसो से बढकर कुछ तो होगा? पैसो के बिना जिना अधुरा सच तो हैं... मगर रिश्ते नाते प्यार वफा.... इन्सानियत सब क्यूँ धुंवा.धुंवा ... क्या पता.. आज का निर्धन कल का कुबेर आज करोडपती कल फिर रोडपती... वक्त वक्त की बात हैं... यूही ना इतरांवो... कल का सुरज फिर उजाला लायेगा अंधेरी राते भीं गुजर जायेगी...
©निशांत