उम्मीद, तस्सली, ख्वाब, जुनून, सब था,
वो मेरी छोटी सी दुनियाँ का, बडा़ सा हिस्सा था,
इस बिसा़त का कुछ तो नतीजा निकलेगा,
मैं उलझी रही शह और मात में, सारा खेल ही उसका था,
अपनों से नहीं,गैरों से भी नहीं, खुद से ही धोखा खा बैठे हैं,
कम्बख्त उम्मीद का एक छोर , हाथों में उसके था,
मोना पारीक
©Mona Pareek
#brokenbond Mr Ismail Khan (गुमनाम राइटर) @SIDDHARTH.SHENDE.sid बाबा ब्राऊनबियर्ड @Satyaprem Upadhyay @Sircastic Saurabh