मोहब्बत का परिंदा हूँ साहब किसी | हिंदी शायरी

"मोहब्बत का परिंदा हूँ साहब किसी से बैर नहीं रखता 😍😍 जब तक पड़ोसन छत पे नहीं आ जाती मैं छत पे पैर भी नही रखता ©Mohammad Salman Khan"

 मोहब्बत का परिंदा हूँ साहब

                  किसी से बैर नहीं रखता 😍😍
जब तक पड़ोसन छत पे नहीं आ जाती
                                       मैं छत पे पैर भी नही रखता

©Mohammad Salman Khan

मोहब्बत का परिंदा हूँ साहब किसी से बैर नहीं रखता 😍😍 जब तक पड़ोसन छत पे नहीं आ जाती मैं छत पे पैर भी नही रखता ©Mohammad Salman Khan

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