जब बैठे तन्हाई में
खोली यादों की किताब
मिले कुछ कुछ पन्ने
भीगे ग़म के आँसुओं से
कुछ पन्नों में खुशियाँ बेहिसाब
कुछ किस्से ज्यों मिश्री की डली
कुछ में नीम का सा कड़वा स्वाद
पर इन्हीं मीठे कड़वे स्वादों को
लेकर ज़िंदगी चलती रहती है जनाब
😊🥰
©K.Shikha
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