ये वक़्त का सितम तुम्हें भी नहीं मंजूर,
कह दो..
अभी जवां है मेरी मोहब्बत का फ़ितूर,
कह दो..
हमेशा चाहा तुमको,ताउम्र चाहूंगा,
तुम भी रहोगी मेरे इश्क़ में चूर,
कह दो..
जब जान एक हैं तो ये फासले बेमानी हैं,
दिल से नहीं सिर्फ़ जिस्म से हैं दूर,
कह दो...
हालात के खेल में तुम्हें छोड़ना पड़ा मुझे,
बेवफ़ा ना कहो मुझे, मजबूर,
कह दो..
©Arjun Ashirwad official
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