चांद चाहे तो रौशन हो जाए रातें चलो बढ़ाते हैं अपने | हिंदी Poetry

"चांद चाहे तो रौशन हो जाए रातें चलो बढ़ाते हैं अपने बीच मुलाकातें खुशबुओं के कितने हैं प्रेम फलसफे रुको सुनाते हैं भौरें और कलियों की बातें ये हवा, पानी, जमीं, आसमां, और सूरज फिर क्यों नहीं वही पुरानी बहार लातें हाय, हेलो, कैसे हो, सब पूछते हो तुम हाथ क्यों नहीं मिलाते आते जाते उसकी निगाहें किसका इंतजार तकता है तुम काजल लगा के क्यों नहीं आते खबर फैली है कि इश्क में मिट जाते हैं दीवाने लोग तिरी नजर की पहेली क्यों नहीं बुझाते यूं ही नहीं लिख रहा नज्म तेरे नाम मनीष मर जाता हूँ कभी मैं, तुम्हें चाहते चाहते ©Manish Yadav"

 चांद चाहे तो रौशन हो जाए रातें
चलो बढ़ाते हैं अपने बीच मुलाकातें

खुशबुओं के कितने हैं प्रेम फलसफे
रुको सुनाते हैं भौरें और कलियों की बातें

ये हवा, पानी, जमीं, आसमां, और सूरज
फिर क्यों नहीं वही पुरानी बहार लातें

हाय, हेलो, कैसे हो, सब पूछते हो
तुम हाथ क्यों नहीं मिलाते आते जाते

उसकी निगाहें किसका इंतजार तकता है
तुम काजल लगा के क्यों नहीं आते

खबर फैली है कि इश्क में मिट जाते हैं दीवाने
लोग तिरी नजर की पहेली क्यों नहीं बुझाते

यूं ही नहीं लिख रहा नज्म तेरे नाम मनीष
मर जाता हूँ कभी मैं, तुम्हें चाहते चाहते

©Manish Yadav

चांद चाहे तो रौशन हो जाए रातें चलो बढ़ाते हैं अपने बीच मुलाकातें खुशबुओं के कितने हैं प्रेम फलसफे रुको सुनाते हैं भौरें और कलियों की बातें ये हवा, पानी, जमीं, आसमां, और सूरज फिर क्यों नहीं वही पुरानी बहार लातें हाय, हेलो, कैसे हो, सब पूछते हो तुम हाथ क्यों नहीं मिलाते आते जाते उसकी निगाहें किसका इंतजार तकता है तुम काजल लगा के क्यों नहीं आते खबर फैली है कि इश्क में मिट जाते हैं दीवाने लोग तिरी नजर की पहेली क्यों नहीं बुझाते यूं ही नहीं लिख रहा नज्म तेरे नाम मनीष मर जाता हूँ कभी मैं, तुम्हें चाहते चाहते ©Manish Yadav

#Love #चाहत #चांद और #वो

People who shared love close

More like this

Trending Topic