मंजिल का पता मै रखू , रास्ते की खबर तुम रखो।
मै बेचैन रहू हर हाल मे , मेरे हिस्से का सबर तूम रखो।।
तुम्हारी बेपरवी का खयाल मै रखू , मेरी लापरवी का हिसाब तूम रखो।
तूम मेरी हकीकत बन जाओ , मेरे सारे खवाब तूम रखो।।
अपने दिल मे बस एक आशियना रखू , सारा जहान तूम रखो ।
रखू छुपाकर कर हर अंसु तेरे , मेरे हिस्से की मुस्कान तूम रखो।।
©Advitiya goswami
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