कभी गिरते तो गिर के संबलते रहते बेठे रहने से बेहत | हिंदी Life

"कभी गिरते तो गिर के संबलते रहते बेठे रहने से बेहतर था की चलते रहते। चलके गैरों के क़दमों पर तुम कहीं के नही रहे अपने पैरों पर चलते तो चलते रहते।। ©Sarfaraj idrishi"

 कभी गिरते तो गिर के संबलते रहते
 बेठे रहने से बेहतर था की चलते रहते।

 चलके गैरों के क़दमों पर तुम कहीं के नही रहे
 अपने पैरों पर चलते तो चलते रहते।।

©Sarfaraj idrishi

कभी गिरते तो गिर के संबलते रहते बेठे रहने से बेहतर था की चलते रहते। चलके गैरों के क़दमों पर तुम कहीं के नही रहे अपने पैरों पर चलते तो चलते रहते।। ©Sarfaraj idrishi

कभी गिरते तो गिर के संबलते रहते बेठे रहने से बेहतर था की चलते रहते चलके गैरों के क़दमों पर तुम कहीं के नही रेहे अपने पैरों पर चलते तो चलते रहते@Shayar Abhiraaj Kashyap Jain Vishal sûmìt upãdhyåy(løvë flūtê) @Sheetal Kumari @Rupesh333

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