"आप अयादत को आये हो।
यकीनन हाल-ए-दिल जानने आये हो।
बिलशुभा ये ज़ख़्म दिए तुमने,
अब क्या मरहम लगाने आये हो।
नींद से तो बेदार कर दिया तुमने,
अब क्या साँसे छीनने आये हो।"
आप अयादत को आये हो।
यकीनन हाल-ए-दिल जानने आये हो।
बिलशुभा ये ज़ख़्म दिए तुमने,
अब क्या मरहम लगाने आये हो।
नींद से तो बेदार कर दिया तुमने,
अब क्या साँसे छीनने आये हो।