White पल्लव की डायरी धन्य हुयी आज तेरस आत्मशुद्धि | हिंदी कविता

"White पल्लव की डायरी धन्य हुयी आज तेरस आत्मशुद्धि का है दिबस विघता समोशरण योगनिरोध कर भगवन महावीर ने जितेंद्रीय कहलाये थे जन्म मरण से ऊपर उठकर लक्ष्मी रूपी बधू पाये थे चेतनता जगाने का था पर्ब मगर स्वरूप बाजारवाद ने ले लिया मिथ्याभावो का संचार करके मूल भावनाओं को पीछे छोड़ दिया धन नही,जीवन से ऊपर उठने की आलोकित धन्यतेरस है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव""

 White पल्लव की डायरी
धन्य हुयी आज तेरस
आत्मशुद्धि का है दिबस 
विघता समोशरण
योगनिरोध कर भगवन महावीर ने
जितेंद्रीय कहलाये थे
जन्म मरण से ऊपर उठकर
लक्ष्मी रूपी बधू पाये थे
चेतनता जगाने का था पर्ब
मगर स्वरूप बाजारवाद ने ले लिया
मिथ्याभावो का संचार करके
मूल भावनाओं को पीछे छोड़ दिया
धन नही,जीवन से ऊपर उठने की
आलोकित धन्यतेरस है
                                       प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव"

White पल्लव की डायरी धन्य हुयी आज तेरस आत्मशुद्धि का है दिबस विघता समोशरण योगनिरोध कर भगवन महावीर ने जितेंद्रीय कहलाये थे जन्म मरण से ऊपर उठकर लक्ष्मी रूपी बधू पाये थे चेतनता जगाने का था पर्ब मगर स्वरूप बाजारवाद ने ले लिया मिथ्याभावो का संचार करके मूल भावनाओं को पीछे छोड़ दिया धन नही,जीवन से ऊपर उठने की आलोकित धन्यतेरस है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव"

#Dhanteras आलोकित धन्यतेरस है

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