आज भी सजनी को सितंबर के सावन से सजाया, बारिश बनी | हिंदी कविता

"आज भी सजनी को सितंबर के सावन से सजाया, बारिश बनी अलंकार और दुखते दिल तथा तनाव को करुण व वियोग रस बनाया। ...✍️विकास साहनी ©Vikas Sahni"

 आज भी 
सजनी को सितंबर के 
सावन से सजाया,
बारिश बनी अलंकार और 
दुखते दिल 
तथा तनाव को करुण 
व वियोग रस बनाया।
              ...✍️विकास साहनी

©Vikas Sahni

आज भी सजनी को सितंबर के सावन से सजाया, बारिश बनी अलंकार और दुखते दिल तथा तनाव को करुण व वियोग रस बनाया। ...✍️विकास साहनी ©Vikas Sahni

#सावन_से_सजाया

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