प्यार क्या है आज” कुछ नहीं…”कहना” चाहता हूँ…”मैं”…..
सिर्फ़ “सुनना” है…कहा “ग़लत” था…”मैं”…..
ये तुम्हारी
आँखें, ओंठ, सीना,कमर हाय !
एक नदी में इतनी सारी लहरें!
तेरे प्यार का सिला हर हाल में देंगे;
खुदा भी मांगे ये दिल तो टाल देंगे;
अगर दिल ने कहा तुम बेवफ़ा हो;
तो इस दिल को भी सीने से निकाल देंगे।
प्यार की कमी को पहचानते हैं हम,
दुनिया के गमों को भी जानते हैं हम,
आप जैसे दोस्त का सहारा है,
तभी तो आज भी हंसकर जीना जानते हैं हम.
©Rupesh Vishwakarma
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