प्रेम की परिपूर्णता तभी संभव है जब संबंध में सजहता | हिंदी Love

"प्रेम की परिपूर्णता तभी संभव है जब संबंध में सजहता होती है और सहजता तभी संभव है जब एक दूसरे से वैसे ही मिले जैसे आप असल में है।। ©@write.era_Arsh"

 प्रेम की परिपूर्णता तभी संभव है जब संबंध में सजहता होती है
और सहजता तभी संभव है
 जब एक दूसरे से वैसे ही मिले जैसे आप असल में है।।

©@write.era_Arsh

प्रेम की परिपूर्णता तभी संभव है जब संबंध में सजहता होती है और सहजता तभी संभव है जब एक दूसरे से वैसे ही मिले जैसे आप असल में है।। ©@write.era_Arsh

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