राब्ता तुझसे मेरे दिल का कुछ एसा है राब्ता, जैसे | हिंदी Shayari
"राब्ता तुझसे मेरे दिल का कुछ एसा है राब्ता,
जैसे फूल और खुशबू के साथ हो गुलिस्तां।
कैसे कहूं मैं कि तुझसे है मेरा कैसा वास्ता,
मेरी मंजिल की तु बन गया है रास्ता।"
राब्ता तुझसे मेरे दिल का कुछ एसा है राब्ता,
जैसे फूल और खुशबू के साथ हो गुलिस्तां।
कैसे कहूं मैं कि तुझसे है मेरा कैसा वास्ता,
मेरी मंजिल की तु बन गया है रास्ता।