White समझने वाले तो इस बारिश को समझ ही रहे
ये बूँदें बरस रहीं.या अरमां है जो पिघल रहे
कहीं कोई चाँद है.हर दिन जिसके टुकड़े गिर रहे
कहीं तारों का एक कारवाँ है. रातभर चल रहे
इतनी ग़ौर से तो तस्वीर..देखता ना था वो
जाने ये कैसे दीये है.. जो आंधियों में जल रहे
लबो पे लब्ज़ नहीं..पर बातें होती रहे
आज जुदा भी हो तो ऐसे .कि कल मिल रहे
इस धूप के बाद .कस्तूरी शाम भी तो होगी
ये ख़्याल है कि उम्र भर. साथ साथ चल रहे
उसके बाद यूँ तो कोई ग़ज़ल ही ना पढ़ी
लम्हें है कि .कागज़ों में रह रहकर खिल रहे
सहर में भी कभी ,चाँद जो नज़र आ जाये तो
ये ग़ुलाब भी फिर..सारा सारा दिन महक रहे
@विकास
©Vikas sharma
#rainy_season बारिश