White मन मस्तिष्क और दिल"
मन मस्तिष्क और दिल,
हर समय एक सा नहीं रहता।
इसलिए ज़रूरी नहीं कि ,
दो दिल गाएं एक ही कविता।
प्यार मोहब्बत कभी भी,
सत्य के उसूलों से नहीं चलता।
प्यार निभाने के लिए ,आदत
डालनी पड़ती है ,मालिकों की हां में हां।
©Anuj Ray
# मन मस्तिष्क और दिल"