अजीब सा कौतूहल देखती हूं पास अपने, क्या मन के भाव से कैसे भी मनाऊँ मैं अपने रब को ये मेरा अधिकार नहीं ! (जय छठ मैया) Quotes, Shayari, Story, Poem, Jokes, Memes On Nojoto