"ख्वाहिशों के इस परिंदे को उस ऊंचाई में उड़ने दो,
जहां से उसे कोई पकड़ ना सकें।
क्योंकि ख्वाहिशों का परिंदा जितना नीचे होगा,
लोग उतने ही ज्यादा पिंजरे लागाएंगे उसे क़ैद करने के लिए।"
ख्वाहिशों के इस परिंदे को उस ऊंचाई में उड़ने दो,
जहां से उसे कोई पकड़ ना सकें।
क्योंकि ख्वाहिशों का परिंदा जितना नीचे होगा,
लोग उतने ही ज्यादा पिंजरे लागाएंगे उसे क़ैद करने के लिए।