मेरी मनपसंद जगह कोई भी हो सकती है,
अगर "हम तुम" साथ हैं,
इत्तेफ़ाक से "हम तुम" मिले,
इसमें भी ज़रूर कुछ बात है,
पनप रहा है एक रिश्ता हमारा,
जिसमें "हम दोनों" के जुड़े जज़्बात है,
"हम दोनों" की बहुत बातें होती हैं,
सच में मिलते "हम दोनों" के ख्यालात हैं,
कुछ शामें बिना तुम्हारे जो गुज़री,
उनमें भी बसी तुम्हारी ही याद है,
दुनिया को छोड़ तुमको पसंद किया है मेरे दिल ने,
ज़रूर तुम में कुछ "ख़ास" बात है..!!
- Kiran Verma ✍🏻 ❤️ 🧿
©ख्वाहिश _writes