रूठना-मनाना बात करता है शाम को खोकर वो मुझमे🙈 एहसा
"रूठना-मनाना बात करता है शाम को खोकर वो मुझमे🙈
एहसासों को बेवजह अरमान बना देता है..,😍
समझ नही आता समझा सा अंदाज़ ये उसका,😘
रात को आशिक़ सुबह को अजांन बना देता है.....!💔
Ashish✍️"
रूठना-मनाना बात करता है शाम को खोकर वो मुझमे🙈
एहसासों को बेवजह अरमान बना देता है..,😍
समझ नही आता समझा सा अंदाज़ ये उसका,😘
रात को आशिक़ सुबह को अजांन बना देता है.....!💔
Ashish✍️