2122 1212 22/112 शम्मा कब तक जलाये हाथों मैं ये | हिंदी Shayari

"2122 1212 22/112 शम्मा कब तक जलाये हाथों मैं ये भी बिटिया जहां से कहती है लेखक - जुबैर खान......✍️ ©SZUBAIR KHAN KHAN"

 2122 1212 22/112 
शम्मा कब तक  जलाये हाथों मैं 
ये भी बिटिया जहां से कहती है

 लेखक - जुबैर खान......✍️

©SZUBAIR KHAN KHAN

2122 1212 22/112 शम्मा कब तक जलाये हाथों मैं ये भी बिटिया जहां से कहती है लेखक - जुबैर खान......✍️ ©SZUBAIR KHAN KHAN

मशाल

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