*तुम अपनी आगाज का कभी अंजाम नहीं लिख सकते,* *तेरी | हिंदी शायरी

"*तुम अपनी आगाज का कभी अंजाम नहीं लिख सकते,* *तेरी जीत मेरी हार ,तेरे देश के अखबार नहीं लिख सकते हैं।* *जान हथेली पर लेकर बोल रहा हूं जो सच,* *कम से कम वह मुझे देश का गद्दार नहीं लिख सकते।* भारत की यह जीत इसराइल को समर्पित💐🙏🇮🇳🇮🇱🙏 *|('}_* *|(_/\\__G@ur@v______✍🥀* *🌚!! शुभ रात्रि !!🌚* *🚩!! जय सियाराम !!🚩* ©गौरव दीक्षित(लव)"

 *तुम अपनी आगाज का कभी अंजाम नहीं लिख सकते,*
*तेरी जीत मेरी हार ,तेरे देश के अखबार नहीं लिख सकते हैं।*

*जान  हथेली  पर  लेकर  बोल   रहा  हूं  जो  सच,*
*कम से कम वह मुझे देश का गद्दार नहीं लिख सकते।*

भारत की यह जीत इसराइल को समर्पित💐🙏🇮🇳🇮🇱🙏

*|('}_*
*|(_/\\__G@ur@v______✍🥀*

*🌚!! शुभ रात्रि !!🌚*
*🚩!! जय सियाराम  !!🚩*

©गौरव दीक्षित(लव)

*तुम अपनी आगाज का कभी अंजाम नहीं लिख सकते,* *तेरी जीत मेरी हार ,तेरे देश के अखबार नहीं लिख सकते हैं।* *जान हथेली पर लेकर बोल रहा हूं जो सच,* *कम से कम वह मुझे देश का गद्दार नहीं लिख सकते।* भारत की यह जीत इसराइल को समर्पित💐🙏🇮🇳🇮🇱🙏 *|('}_* *|(_/\\__G@ur@v______✍🥀* *🌚!! शुभ रात्रि !!🌚* *🚩!! जय सियाराम !!🚩* ©गौरव दीक्षित(लव)

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