पल्लव की डायरी कुकर्मो अधर्मी ने पापाचार से मानवता | हिंदी कविता

"पल्लव की डायरी कुकर्मो अधर्मी ने पापाचार से मानवता की धारा कलंकित कर डाली है हैवानियत की हदे बढ़ा दी है नवरात्रि पर नव माता की आराधना करते वही अश्लीलता औऱ नज़रो से शील नारी और स्त्री का भंग करते है हर नारी देवी है शक्तिस्वरूपा है नर को हर रूप में संबल देती मगर आज उसी को हवस का शिकार बनाते फिर यह कैसा दुर्गा काली का सम्मान है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव""

 पल्लव की डायरी
कुकर्मो अधर्मी ने पापाचार से
मानवता की धारा कलंकित कर डाली है
हैवानियत की हदे बढ़ा दी है
नवरात्रि पर नव माता की आराधना करते
वही अश्लीलता औऱ नज़रो से
शील नारी और स्त्री का भंग करते है
हर नारी देवी है शक्तिस्वरूपा है
नर को हर रूप में संबल देती
मगर आज उसी को हवस का शिकार बनाते
फिर यह कैसा दुर्गा काली का सम्मान है
                                             प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव"

पल्लव की डायरी कुकर्मो अधर्मी ने पापाचार से मानवता की धारा कलंकित कर डाली है हैवानियत की हदे बढ़ा दी है नवरात्रि पर नव माता की आराधना करते वही अश्लीलता औऱ नज़रो से शील नारी और स्त्री का भंग करते है हर नारी देवी है शक्तिस्वरूपा है नर को हर रूप में संबल देती मगर आज उसी को हवस का शिकार बनाते फिर यह कैसा दुर्गा काली का सम्मान है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव"

#navratri फिर यह कैसा, दुर्गा काली का सम्मान है
#nojotohindi

People who shared love close

More like this

Trending Topic