अपने मरने की ये तदबीर बना ली मैने,जिंदा रहने की खबर खुदसे छुपा ली मैने//१
रूह जब जिस्म से परवाज हुए देखी तो,फानी दुनियां से,ऐसे भी विदा ली मैने//२
खुदकी महशर मे नदामत की अदा रखने को,अपने आक़ा से शफाअत जो करा ली मैने//३
तेरी जानिब से तो इक भी न सदाए आई,तेरे हिज्रा कोही, वस्ले-दुआ मना ली मैंने//४