बदल चुकी है ये दुनिया , बदल चुके हैं लोग, वैसे फसा | हिंदी Poetry

"बदल चुकी है ये दुनिया , बदल चुके हैं लोग, वैसे फसाने अब कहाँ, बुझ रहे हैं चिराग़, बुझ रही हैं धड़कनें, वैसे तराने अब कहाँ! .... Er. Himanshu Pandey ©Kavi Himanshu Pandey"

 बदल चुकी है ये दुनिया , बदल चुके हैं लोग, वैसे फसाने अब कहाँ, 
बुझ रहे हैं चिराग़, बुझ रही हैं धड़कनें, वैसे तराने अब कहाँ!
.... Er. Himanshu Pandey

©Kavi Himanshu Pandey

बदल चुकी है ये दुनिया , बदल चुके हैं लोग, वैसे फसाने अब कहाँ, बुझ रहे हैं चिराग़, बुझ रही हैं धड़कनें, वैसे तराने अब कहाँ! .... Er. Himanshu Pandey ©Kavi Himanshu Pandey

तराने.. #beingoriginal #nojotohindi

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