बहुत दिनों बाद मैंने अपनी डायरी और कलम उठायी लिखने को, लेकिन अचानक से उस डायरी में उसके नाम का भी जिक्र था जिसे हमने दिल से चाहा था
मेरे हाथ काम नहीं कर रहे थे
मेरा दिल बेचैन सा हो गया
और मेरे आंसू मानो बस इसी दर्द का इन्तजार कर रहे थे
मैंने तो कलम उठाई थी कुछ लिखने के लिए पर
उसकी याद मानो फिर से वही जख्म दे दिया जो
उससे बिछड़ते समय हुआ था
hart touching#arjun singh#