तुम्हारे वापस आने के
इंतिज़ार में खड़ा मैं
विरान रेलवे पटरी के किनारे
खड़े सिग्नल खंभे की तरह
तुम्हारे आने की आहट से
हरा हो जाता हूँ मैं....!!!
ये जानते हुए भी कि
मुझमे तुम्हे रोक रखने का
साहस नहीं है
मेरे जज्बातों का नियंत्रण
कर रहा है कोई दूर बैठे
पर फिर भी तुम्हारी
एक झलक पाने को
बेताब खड़ा रहूँगा
उसी जगह जहाँ से
इन सब की शुरुआत हुई थी....!!!
©विरोधी अभिमान्शु
#विरान