वो बोल नहीं सकते लेकिन क्या बोलू कैसे लिखू एहसास क | हिंदी कविता

"वो बोल नहीं सकते लेकिन क्या बोलू कैसे लिखू एहसास कोइ नहीं समझता किसी के जज्बात.. चंद जरुरतों ने इंसान को मतलबी बना दिया सबकुछ होते हुए भी शैतान बना दिया... हम से अच्छे तो वो बेजान जानवर निकले नही बदले आज भी अपनी चाल क्या जिंदगी है उनकी जो मरते मरते तक देते हैं अपनो का साथ.. ☝सतीश गुप्ता☝ ©satish gupta"

 वो बोल नहीं सकते लेकिन क्या बोलू कैसे लिखू एहसास
कोइ नहीं समझता किसी के जज्बात.. 
चंद जरुरतों ने इंसान को मतलबी बना दिया
सबकुछ होते हुए भी शैतान बना दिया... 

हम से अच्छे तो वो बेजान जानवर निकले
नही बदले आज भी अपनी चाल
क्या जिंदगी है उनकी 
जो मरते मरते तक देते हैं अपनो का साथ.. 

        ☝सतीश गुप्ता☝

©satish gupta

वो बोल नहीं सकते लेकिन क्या बोलू कैसे लिखू एहसास कोइ नहीं समझता किसी के जज्बात.. चंद जरुरतों ने इंसान को मतलबी बना दिया सबकुछ होते हुए भी शैतान बना दिया... हम से अच्छे तो वो बेजान जानवर निकले नही बदले आज भी अपनी चाल क्या जिंदगी है उनकी जो मरते मरते तक देते हैं अपनो का साथ.. ☝सतीश गुप्ता☝ ©satish gupta

28 mai 2022

#Worldanimalday

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