बरसों से छूआ नहीं है मैने गुलाल को, क्या तुम मुझ | हिंदी शायरी Video

"बरसों से छूआ नहीं है मैने गुलाल को, क्या तुम मुझे इस बार रंग पाओगे क्या, जरूरत नहीं हैं रंगो की मेरे लिए तुम गुलाल बन जाओगे क्या महक उठें तुम्हारें होने से कुछ इस कदर ये बेरंग सी जिंदगी मेरी इस होली पर क्या तुम मेरे हो जाओगे क्या ©inner peace poet "

बरसों से छूआ नहीं है मैने गुलाल को, क्या तुम मुझे इस बार रंग पाओगे क्या, जरूरत नहीं हैं रंगो की मेरे लिए तुम गुलाल बन जाओगे क्या महक उठें तुम्हारें होने से कुछ इस कदर ये बेरंग सी जिंदगी मेरी इस होली पर क्या तुम मेरे हो जाओगे क्या ©inner peace poet

#Happy_holi

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