वो मंज़िल ही बदनसीब थी जो हमको पा न सकी, वर्ना जीत | हिंदी शायरी Video

"वो मंज़िल ही बदनसीब थी जो हमको पा न सकी, वर्ना जीत की क्या औकात जो हमें ठुकरा दे। ©Omgupta "

वो मंज़िल ही बदनसीब थी जो हमको पा न सकी, वर्ना जीत की क्या औकात जो हमें ठुकरा दे। ©Omgupta

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