फितरत ही धोखे खाने की हैं, शिक़वे किससे करता।। हाला

"फितरत ही धोखे खाने की हैं, शिक़वे किससे करता।। हालात का मारा हूँ, ख्वाईश किसकी करता।।"

 फितरत ही धोखे खाने की हैं,
शिक़वे किससे करता।।
हालात का मारा हूँ,
ख्वाईश किसकी करता।।

फितरत ही धोखे खाने की हैं, शिक़वे किससे करता।। हालात का मारा हूँ, ख्वाईश किसकी करता।।

People who shared love close

More like this

Trending Topic