दिल में है, जिगर में है, और मेरी नज़र में है
मैं तेरे दर्द में हूँ या कहूँ ये दर्द मुझ में है ।
मेरे ख़्वाबों में जिस तरह तेरी यादें है रवाँ,
इस तरह दर्द भी जिस्म में है, मेरी रूह में है ।
तेरे आने की उम्मीद, हाँ का भी है इंतज़ार,
देखते हैं कितना असर मेरी इन दुआओं में है ।
दिल में हैं जज़्बात कई, "सागर" में जितने तूफान,
इन सारे सवालात का हल वस्ल ए यार में है ।
©Sameer Kaul 'Sagar'
#hugday