White हम अड़े रहे अक्सर, इस बात पर
कि मुझे अमुक बात अच्छी लगी,
इसने ये किया, मुझे अच्छा नहीं लगा,
उसने वो किया, मुझे अच्छा नहीं लगा !
किसी ने ये कभी सोचा ही नहीं, कि
क्या किया ऐसा मैंनें, जो अच्छा लगे इसको
जो अच्छा लगे उसको !
कहीं कुछ ऐसा तो नहीं किया,
जो किसी का कुछ ग़लत करके चला गया !
कभी वक्त ही नहीं मिला, किसी को अपने अंदर झांकने का !
पर दूसरों को जानने का वक्त ही वक्त रहा !!
मुझे लगता है, चलती रहेंगी, ये जंग, ये लड़ाइयां,
जब तक बने रहेंगे हम सब स्वार्थी,
और शायद जायज़ भी है ये !
क्योंकि स्वार्थी इंसान से दुनिया कभी सुंदर हुई नहीं,
स्वार्थ ने बस सौंपी है इस दुनिया को महाभारत !
और ना ही हक है किसी स्वार्थ का,
इस सुंदर दुनिया में रहने का !!
©Amit Maurya
#sad_shayari