White ✍️आज की डायरी✍️ ✍️मुश्किल है....✍️ सु | हिंदी कविता

"White ✍️आज की डायरी✍️ ✍️मुश्किल है....✍️ सुकून की नींद आ जाना अब मुश्किल है । टूटे दिल को कहीं लगाना अब मुश्किल है ।। बहुत कोशिश ना कर यूँ मिलने जुलने की । दूर होकर फ़िर पास आना अब मुश्किल है ।। भुला सको तो भुला दो उन पुरानी यादों को । पहले की तरह याद आना अब मुश्किल है ।। टूटे ख़्वाबों का गट्ठर जो उठाके चल रहा हो । उसका कोई और बोझ उठाना अब मुश्किल है ।। जख़्म दिखाने को दिल अब इजाज़त नहीं देता । अश्क़ों को आंखों से निकाल पाना अब मुश्किल है ।। अब लड़खड़ाया तो सम्हाल लेना तुम "नीरज"। ख़ुद से ही फ़िर सम्हल जाना अब मुश्किल है ।। ✍️नीरज✍️ ©डॉ राघवेन्द्र"

 White ✍️आज की डायरी✍️

     ✍️मुश्किल है....✍️

सुकून की नींद आ जाना अब मुश्किल है ।
टूटे दिल को कहीं लगाना अब मुश्किल है ।।

बहुत कोशिश ना कर यूँ मिलने जुलने की ।
दूर होकर फ़िर पास आना अब मुश्किल है ।।

भुला सको तो भुला दो उन पुरानी यादों को ।
पहले की तरह याद आना अब मुश्किल है ।।

टूटे ख़्वाबों का गट्ठर जो उठाके चल रहा हो ।
उसका कोई और बोझ उठाना अब मुश्किल है ।।

जख़्म दिखाने को दिल अब इजाज़त नहीं देता ।
अश्क़ों को आंखों से निकाल पाना अब मुश्किल है ।।

अब लड़खड़ाया तो सम्हाल लेना तुम "नीरज"।
 ख़ुद से ही फ़िर सम्हल जाना अब मुश्किल है ।।

✍️नीरज✍️

©डॉ राघवेन्द्र

White ✍️आज की डायरी✍️ ✍️मुश्किल है....✍️ सुकून की नींद आ जाना अब मुश्किल है । टूटे दिल को कहीं लगाना अब मुश्किल है ।। बहुत कोशिश ना कर यूँ मिलने जुलने की । दूर होकर फ़िर पास आना अब मुश्किल है ।। भुला सको तो भुला दो उन पुरानी यादों को । पहले की तरह याद आना अब मुश्किल है ।। टूटे ख़्वाबों का गट्ठर जो उठाके चल रहा हो । उसका कोई और बोझ उठाना अब मुश्किल है ।। जख़्म दिखाने को दिल अब इजाज़त नहीं देता । अश्क़ों को आंखों से निकाल पाना अब मुश्किल है ।। अब लड़खड़ाया तो सम्हाल लेना तुम "नीरज"। ख़ुद से ही फ़िर सम्हल जाना अब मुश्किल है ।। ✍️नीरज✍️ ©डॉ राघवेन्द्र

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