माना मुक़द्दर से लुटे हुए हैं मग़र हम नियत से ख़रा | हिंदी Poetry

"माना मुक़द्दर से लुटे हुए हैं मग़र हम नियत से ख़राब नहीं... दिल तो है पर इश्क़ नहीं अब,जैसे ख़ाली बोतल में शराब नहीं... ©badnaam"

 माना मुक़द्दर से लुटे हुए हैं मग़र हम नियत से ख़राब नहीं...
दिल तो है पर इश्क़ नहीं अब,जैसे ख़ाली बोतल में शराब नहीं...

©badnaam

माना मुक़द्दर से लुटे हुए हैं मग़र हम नियत से ख़राब नहीं... दिल तो है पर इश्क़ नहीं अब,जैसे ख़ाली बोतल में शराब नहीं... ©badnaam

#Pathaan

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