लाख तलवारे बढ़ी आती हों गर्दन की तरफ,सर झुकाना नहीं | हिंदी विचार

"लाख तलवारे बढ़ी आती हों गर्दन की तरफ,सर झुकाना नहीं आता तो झुकाए कैसे।,,,✍️ जीवन एक लक्ष्य फाउंडेशन ©Ak"

 लाख तलवारे बढ़ी आती हों गर्दन की तरफ,सर झुकाना नहीं आता तो झुकाए कैसे।,,,✍️ जीवन एक 
लक्ष्य फाउंडेशन

©Ak

लाख तलवारे बढ़ी आती हों गर्दन की तरफ,सर झुकाना नहीं आता तो झुकाए कैसे।,,,✍️ जीवन एक लक्ष्य फाउंडेशन ©Ak

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