अपने घर और परदेस मैं बस यही एक अंतर है के अपने घर लोग अच्छे में भी अच्छे की डिमांड करते हैं और किसी और जगह समझदार लोग कम में काम चला कर जिंदगी जी लेते हैं
यह एहसास बहुत विचित्र होता है यकीन मानिए गा साहब जो घाट घाट का पानी पीता है वह इंसान बहुत सहिष्णु एवं संवेदनशील होता है
©rohitsharma rj11
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