बेशक हर शाम होने पर
ढूढते हैं सभी घरों का पता
जाते हैं,मिलते हैं सभी से,
रहते हैं सबमें ही।।
हम सुबह भी घर से निकल जाते हैं
और शामों में घर भी ढूढते हैं बेशक
लेकिन बस मिलते हैं सभी से
खुद को सब में मिला नहीं पाते
जाते हैं घर पर, रहते हैं खुद में ही।।
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©Shruti Tiwari
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