तुझे चाहकर...
कैसे किसी की चाह करूँ...
तुझे भूलकर क्यूँ
खुद को तबाह करूँ...
तू इश्क़ ही नहीं
अब जिन्दगी है मेरी...
क्यों किसी और को सोच कर
ये गुनाह करूँ..
दिलो का सौदा है मोहब्बत, कारोबार थोड़ी है...
अगर तुम जीत भी गई, तो ये मेरी हार थोड़ी है... 💕💕💕
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*|(_/\\_-G@ur@v______✍🥀*
*🌚!! शुभ रात्रि !!🌚*
*🚩!! जय सियाराम !!🚩*
©गौरव दीक्षित(लव)
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