क्योंकि यह उसकी मजबूरी थी , उसे घर की जिम्बेदारिय | हिंदी Shayari

"क्योंकि यह उसकी मजबूरी थी , उसे घर की जिम्बेदारियां उठानी थी । मैं लड़की हूं मुझे घर छोड़ना पड़ा , क्योंकि यह एक रीत है , मुझे किसी ओर के घर की जिम्बेदारियां उठानी थी । ©GAYATRI AHIRWAR (pakhi)"

 क्योंकि यह उसकी मजबूरी थी , 
उसे घर की जिम्बेदारियां उठानी थी ।

मैं लड़की हूं मुझे घर छोड़ना पड़ा ,
क्योंकि यह एक रीत है ,
 मुझे किसी ओर के घर की जिम्बेदारियां उठानी थी ।

©GAYATRI AHIRWAR (pakhi)

क्योंकि यह उसकी मजबूरी थी , उसे घर की जिम्बेदारियां उठानी थी । मैं लड़की हूं मुझे घर छोड़ना पड़ा , क्योंकि यह एक रीत है , मुझे किसी ओर के घर की जिम्बेदारियां उठानी थी । ©GAYATRI AHIRWAR (pakhi)

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