पिछले 5 घंटों से वो मोबाइल स्क्रीन पर नज़रे जमाए बैठी थी..... लेकिन अब उसका सिर बहुत ज़ोर से दर्द करने लगा था, अब वो और नहीं बैठ सकती थी.....वो मोबाइल ऑफ करने ही वाली थी कि स्क्रीन पर "सालार सिकंदर" का नाम देख कर वो रुक गई..... लेकिन उसका सिर दर्द उसे अब और मोबाइल के सामने बैठने की इजाज़त नहीं दे रहा था... आखिर उसने मोबाइल ऑफ कर दिया...और सिर पर हाथ रख कर बैठ गई.... उसे शादीद चाय की तलब हो रही थी... उसने सोचा की काश कोई चाय का कप उसे दे जाए...लेकिन परेशानी यही थी कि उसे चाय खुद बनानी थी.... उसने मोबाइल एक साइड किया और उठ कर अपने लिए चाय बनाने लगी.....लेकिन उसकी सोच का मरकज़ अब भी "सालार सिकंदर" था..!
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दिन चर्या.....
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