अभी गनीमत है सबर मेरा अभी लबालब भरा नहीं हूं वो मु | हिंदी Shayari Vid

"अभी गनीमत है सबर मेरा अभी लबालब भरा नहीं हूं वो मुझ को मुर्दा समज रहा है उससे कहो अभी मरा नहीं हूं वो कह रहा है कि कुछ दिनों में मिटा कर रख दूँगा नस्ल तेरी है उसकी आदत डरा रहा है, है ये मेरी फितरत डरा नहीं हूं ©Mohd Kaif "

अभी गनीमत है सबर मेरा अभी लबालब भरा नहीं हूं वो मुझ को मुर्दा समज रहा है उससे कहो अभी मरा नहीं हूं वो कह रहा है कि कुछ दिनों में मिटा कर रख दूँगा नस्ल तेरी है उसकी आदत डरा रहा है, है ये मेरी फितरत डरा नहीं हूं ©Mohd Kaif

People who shared love close

More like this

Trending Topic