तुम्हे गैरों से कब फुरसत, हम अपने गम से कब खाली चल | हिंदी शायरी

"तुम्हे गैरों से कब फुरसत, हम अपने गम से कब खाली चलो अब हो गया मिलना; न तुम खाली न हम खाली। #dheeru🙏"

 तुम्हे गैरों से कब फुरसत,
हम अपने गम से कब खाली
चलो अब हो गया मिलना;
न तुम खाली 
                 न हम खाली।

#dheeru🙏

तुम्हे गैरों से कब फुरसत, हम अपने गम से कब खाली चलो अब हो गया मिलना; न तुम खाली न हम खाली। #dheeru🙏

#Time

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