सारी उम्र आँखों में एक सपना याद रहा, सदियाँ बीत गय | हिंदी Shayari

"सारी उम्र आँखों में एक सपना याद रहा, सदियाँ बीत गयी पर वो लम्हा याद रहा, ना जाने क्या बात थी उनमे और हम में, सारी महफ़िल भूल गए बस वो चेहरा याद रहा। ©Shivam Pal"

 सारी उम्र आँखों में एक सपना याद रहा,
सदियाँ बीत गयी पर वो लम्हा याद रहा,
ना जाने क्या बात थी उनमे और हम में,
सारी महफ़िल भूल गए बस वो चेहरा याद रहा।

©Shivam Pal

सारी उम्र आँखों में एक सपना याद रहा, सदियाँ बीत गयी पर वो लम्हा याद रहा, ना जाने क्या बात थी उनमे और हम में, सारी महफ़िल भूल गए बस वो चेहरा याद रहा। ©Shivam Pal

vo cheta yaad rha

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