Dear Home कब आययि, कब चलि गययि, कोई लुढ़कता सामान हो जाती हूँ, पेट की आग बुझाने को, रहती हूँ घर से दूर, कब आयि, कब चललि गयि, अपननि घर में भी, मेहमान हो जातती हूँ l😔 ©Pratyusha Palei #Home Quotes, Shayari, Story, Poem, Jokes, Memes On Nojoto