तेज तेज चिल्लाने से ज्यादा मूक कुछ भी नही है, कुछ

"तेज तेज चिल्लाने से ज्यादा मूक कुछ भी नही है, कुछ लोगों ने मुझे समझाया था की जीवन को बताना ही मत की साँसें नही ले पा रहे हो तुम, और वो यदि सुनना चाहे तो सुना देना उसे हमारी साँसें, तुम्हें बस उसे बहला कर रखना है | चीख, चीत्कारों का वक़्त है, सब डरे सहमे चार दीवारी में कैद अपनी और अपनों की साँसें सहेज रहे हैँ | हे जीवन, मेरे पास तुम उतना ही रहना जितनी स्मृति सहेज सको तुम, तमाम उन इंसानों की, जिन्होंने इस कोलाहल में मुझे दबे अक्षरों में इंसानियत का मतलब बताया " | नेहा वशिष्ठ"

 तेज तेज चिल्लाने से ज्यादा मूक कुछ भी नही है, कुछ लोगों ने  मुझे समझाया था की जीवन को बताना ही मत की साँसें नही ले पा रहे हो तुम, और वो यदि सुनना चाहे तो सुना देना उसे हमारी साँसें, तुम्हें बस उसे बहला कर रखना है |
चीख, चीत्कारों का वक़्त है, सब डरे सहमे चार दीवारी में कैद अपनी और अपनों की साँसें सहेज रहे हैँ | 
हे जीवन, मेरे पास तुम उतना ही रहना जितनी स्मृति सहेज सको तुम, तमाम उन इंसानों की, जिन्होंने इस कोलाहल में मुझे दबे अक्षरों में इंसानियत का मतलब बताया " |

नेहा वशिष्ठ

तेज तेज चिल्लाने से ज्यादा मूक कुछ भी नही है, कुछ लोगों ने मुझे समझाया था की जीवन को बताना ही मत की साँसें नही ले पा रहे हो तुम, और वो यदि सुनना चाहे तो सुना देना उसे हमारी साँसें, तुम्हें बस उसे बहला कर रखना है | चीख, चीत्कारों का वक़्त है, सब डरे सहमे चार दीवारी में कैद अपनी और अपनों की साँसें सहेज रहे हैँ | हे जीवन, मेरे पास तुम उतना ही रहना जितनी स्मृति सहेज सको तुम, तमाम उन इंसानों की, जिन्होंने इस कोलाहल में मुझे दबे अक्षरों में इंसानियत का मतलब बताया " | नेहा वशिष्ठ

#covidindia

People who shared love close

More like this

Trending Topic