बिन चाहतों के रिश्ता अनमोल नहीं हो सकता। कुछ ज़ख़्मो | हिंदी Shayari Vid

"बिन चाहतों के रिश्ता अनमोल नहीं हो सकता। कुछ ज़ख़्मो का प्यार से मोल नहीं हो सकता।। रब की मर्ज़ी पर उम्मीद से ही अब तो मैं बैठा हूँ। वर्ना जज़्बात का मेरे यूँ ही तोल नहीं हो सकता।। (Md Shaukat Ali "Saani") ©Saani "

बिन चाहतों के रिश्ता अनमोल नहीं हो सकता। कुछ ज़ख़्मो का प्यार से मोल नहीं हो सकता।। रब की मर्ज़ी पर उम्मीद से ही अब तो मैं बैठा हूँ। वर्ना जज़्बात का मेरे यूँ ही तोल नहीं हो सकता।। (Md Shaukat Ali "Saani") ©Saani

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