वो सुनने को तैयार नहीं तन्हा हम है,लेकिन फिर भी हम ही कुसूरवार है,धोखा हमने दिया है उन्हें ऐसा वो मानें बैठे हैं,कुसूरवार नहीं है हम फिर भी उनकी हर सजा को सर झुकाए मानें हुए हैं,कैसे कहें हम कुछ उनसे जो बिना जाने हमारी सच्चाई को,हमें ही गुनेहगार मानें बैठे हैं हम भी ख़ुश हैं उनके इस फैसले से,क्योंकि हमने तो हर हालत में अपने भगवान से उनकी ही तो खुशी मांगी है।।
©Shurbhi Sahu