"परेशान परेशान करो न अपने मन को
संभालो तुम अपने तन को
परेशानियां तो सबकी है
भूल जाओ तुम अपने गम को
समझाओ तुम अपने अंतर्मन को
निखारो अपने अंदर की गुण को
आज अंधेरा है तो कल सवेरा भी
क्या हुआ भूल जाओ अपने बीते कल को
#✍️writer GS_Pandey✍️#"
परेशान परेशान करो न अपने मन को
संभालो तुम अपने तन को
परेशानियां तो सबकी है
भूल जाओ तुम अपने गम को
समझाओ तुम अपने अंतर्मन को
निखारो अपने अंदर की गुण को
आज अंधेरा है तो कल सवेरा भी
क्या हुआ भूल जाओ अपने बीते कल को
#✍️writer GS_Pandey✍️#